Wednesday, July 29, 2020

Islamik Thoughts


Stop Eating Meat. 


All creatures are children of Allah, God is also grieving by hurting them.God is merciful, not merciless, stop killing creatures for your taste. 

In the court of God, the flesh-eater gets severe punishment. 

God is not commanded to eat meat, because God created peace in 6 days and rested on the seventh day, after that the knowledge is from some other god, not Allah.
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You will neither get Allah nor mercy from this prayer.

Hazrat Muhammad ji has been asked by his Allah to search the Bakhbar saints for complete salvation.

Today, Saint Rampal Ji Maharaj is a great saint who can give us complete salvation and benefits from the devotion of Allah given to him, even death is averted.

For more information please please 
☞ visit www .jagatgururampalji.org
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Eid Mubarak
True Eid Celebration

Sunday, July 19, 2020

सेऊं और सम्मन

सतगुरु के प्रति आस्था 
गुुुरू जी के लिए त्य्याग
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Tuesday, July 14, 2020

Bakra Eid

Bakra Eid Celebration

“ बकरा ईद "

मुसलमानों का एक प्रसिद्द त्यौहार है “ बकरीद "
इसे 'ईद-उल-ज़ुहा' या 'ईद-उल-अज़हा' के नाम से भी जानते हैं , ये एक कुर्बानी का प्रतीक त्योहार है। 

हर साल मुस्लिम ये त्योहार मुस्लिम माह जुल हिज्जा के दसवें दिन मनाया जाता है। 

इस दिन की तैयारी काफी दिनों पहले से शुरू हो जाती है , घर के सभी सदस्यों के लिए नए कपड़े खरीदे जाते हैं और कुर्बानी के लिए बकरा खरीदा जाता है। 

माना जाता है कि पैगंबर हज़रत इब्राहीम को ईश्वर की ओर से हुक्म आया कि वह अपनी सबसे अधिक प्यारी वस्तु की कुर्बानी दे। हज़रत के लिए उनका बेटा सबसे अधिक प्यारा था। ईश्वर का हुक्म उनके लिए पत्थर की लकीर था। 

वह उसे मानने के लिए तैयार थे। कुर्बानी से पहले उन्होंने इस विषय पर बेटे से बात की। बेटे ने पिता के फैसले को सही बताया और हँसते-हँसते कुर्बान हो गया। पिता और बेटे की भक्ति देखकर ईश्वर प्रसन्न हुए और उन्होंने हज़रत के बेटे को जीवनदान दिया। तबसे लेकर आज तक इसे मनाया जाता है।

मगर एक और बात जिसे आज मुस्लिम समाज अनदेखा कर रहा है , वह यह है कि हजरत मोहम्मद जी ने अपनी प्यारी वस्तु की कुर्बानी दी थी जो कि उनका बेटा था , 
और उस समय उनके द्वारा दी हुई कुर्बानी ईश्वर में आस्था का प्रतीक थी।

उन्होंने ना तो कभी गोश्त खाया और ना ही उनके अनुयायियों ने कभी गोश्त खाया। 
                       
BakraEid
Reality-BakraEid

आज मुस्लिम धर्म में बकरीद पर बकरा खरीद कर उसे काटकर प्रसाद बनाया जाता है तीन भागों में बांट कर उसे खाते हैं , मगर क्या हजरत मोहम्मद जी ने बकरे को काटकर खाया था.?? 

ऐसा बिल्कुल नहीं है ,हजरत मोहम्मद जी को कुर्बानी देने के लिए सिर्फ इसलिए बोला गया था क्योंकि ईश्वर उनकी अपने प्रति आस्था देखना चाहते थे कि कहीं उनका मोह अपने अल्लाह से ज्यादा किसी और वस्तु में तो नहीं है , हजरत मोहम्मद जी सफल हुए। 

हम कहते हैं कि ईश्वर दयालु है वह हमारे दुखों को दूर करता है , वह ईश्वर दयालु नहीं हो सकता जो किसी को दुख दे। 

हजरत मोहम्मद जी ने अपने जीवन में कभी गाय नहीं खाया और ना ही कोई बकरा खाया था। 

दूसरी बात मुस्लिम धर्म मैं यह बात कहीं जाती है क्या ईश्वर आकार में नहीं है उसे देखा नहीं जा सकता। 
जबकि यह सच नहीं है। 

वास्तव में तो पूर्ण परमात्मा सच्चे अल्लाह की भक्ति तो हजरत मोहम्मद जी को भी नहीं मिली थी। पवित्र कुरान शरीफ सूरत फुरकान 25 आयात नंबर 52 से लेकर 59 तक सृष्टि रचना का प्रमाण है जिसमें खुदा ने कहा है कि ,

हम मनुष्य को अपने ही स्वरूप पर बनाएं। 
और उस अल्लाह ने सच्चे खुदा ने ईश्वर ने मनुष्य को अपने ही जैसा बनाया नर नारी करके उसकी सृष्टि की। 

इसी अध्याय शुरु फुरकान 25 में 52 से लेकर 58 तक यह भी कहा गया है कि अल्लाह ने सभी मनुष्यों को दयावान होने के लिए कहा सभी जीवो पर दया करने के आदेश दिए वह रहमान हैं , उस सच्चे खुदा ने कभी किसी को गोश्त खाने या किसी जीव की हत्या करने का आदेश नहीं दिया। 
                                  
BakraEid
BakraEid Celebration

कुछ जीभ के स्वार्थी लोगों का यह मांस खाने के लिए रचाया हुआ षड्यंत्र हैं। 
किसी जीव की हत्या करना अल्लाह के आदेश के विरुद्ध है इसके लिए बहुत भयंकर सजा मिलती है। 

असल में जो अल्लाह है पूर्ण परमात्मा है उसकी जानकारी के लिए तो किसी बा खबर संत की तलाश करने के लिए कहा गया है। 

ऐसा बा खबर संत जो शास्त्रों के अनुसार ज्ञान दें और जिसके द्वारा दी हुई भक्ति से लाभ मिले। 
आज वर्तमान में इस धरती पर केवल सिर्फ संत रामपाल जी महाराज ही ऐसे संत हैं जो सभी शास्त्रों के अनुसार प्रमाण देकर ज्ञान देते हैं और उनके द्वारा बताइए भक्ति से शारीरिक मानसिक और भौतिक लाभ आध्यात्मिक लाभ भी मिलते रहते हैं। 

इसलिए आज वर्तमान में सिर्फ संत रामपाल जी महाराज है एकमात्र बा खबर संत हैं , संत रामपाल जी महाराज की शरण में आने से ही पूर्ण मुक्ति प्राप्त होगी जहां जाकर सभी सुख मिलते हैं और पूर्ण मोक्ष की प्राप्ति होती है जिसके बाद इंसान लौटकर इस गंदे लोक में वापस नहीं आता। 

 अधिक जानकारी के लिए कृपया अवश्य पढ़ें पुस्तक



सभी धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पूर्ण परमात्मा की जानकारी के लिए रोजाना देखिए पवित्र चैनल साधना टीवी शाम 7:30 से। 

Wednesday, July 8, 2020

नशा मुक्त समाज

  •          नशा मुक्त समाज
नशा
नशा आज हमारे समाज में फैली हुई एक ऐसी बीमारी हैं जिससे शायद ही कोई अछूता रहा है। 
आज हमारे समाज में कोई भी स्वर सर हो तो उसमें जवान बच्चे और घर के बड़े लोग दारु शराब जैसी चीजों की पार्टी करके उसे एक खास रसम मानते हैं ,
जो कि बिल्कुल गलत है फिर अपने बच्चों को यह सलाह देना के नशे से दूर रहो यह कहां की समझदारी है अगर हम चाहते हैं कि हमारे समाज में हमारी पीढ़ियां नशा रहित हों तो हमें पहले यह आदत खुद बदलनी होगी... 
कहते हैं कि बड़ों को देखकर ही बच्चे बड़े होते हैं सोचने वाली बात है अगर बड़े ही शराब और अन्य नशा करेंगे तो बच्चे भी सीखेंगे ही ,
अगर हम चाहते हैं कि बच्चे कुछ अच्छा सीखे तो उन्हें अच्छा करके भी दिखाना होगा। 

नशे का सरल इलाज ✯✯... 
नशा नाश करता है.. जब तक नशा करने वाला इंसान खुद संकल्प नहीं ले ले ताकि परेशान नहीं करूंगा और उसके अंदर कोई दृढ़ आत्मविश्वास पैदा नहीं होता तब तक वो नशा छोड़ने में समर्थ नहीं है.. 
नशे को अगर हम जड़ से खत्म करना चाहते हैं तो इसके लिए आज जरूरत है अच्छे विचारों की.. 
और अच्छे विचारों के लिए हमें सत्संग की जरूरत है और सत्संग के लिए पूर्ण संत की , क्योंकि यही एकमात्र ऐसा साधन है जिससे हम नशे को जड़ से खत्म कर सकते हैं ,

अच्छे विचार सुनते हैं तो प्रेरणा होती है कि हम भी एक सुखी जीवन जी हैं और अवसाद रहित होकर जीना सीखें
लोक नशा करके सूख जाते हैं मगर नशा उतरने के बाद फिर से सब कुछ वैसा ही हो जाता है और नशे से पैसे की बर्बादी और समाज में बेइज्जती भी होती हैं... 
किसी नशेड़ी इंसान को पीने के बाद यह भी पता नहीं चलता कि उसे घर जाना है या कहीं किसी नाली में.... 

नशे से बचाव का एकमात्र तरीका है सत्संग सत्संग से विचार सुनकर अच्छे नागरिक बनने की प्रेरणा जाती है और बुराइयां दूर हो जाती हैं , सत्संग एक ऐसी जगह है जहां से ज्ञान प्राप्त होने के बाद नशे से अपने आप घृणा होने लग जाती हैं.... 
आज वर्तमान समाज में अगर किसी के पास सत भक्ति है तो वह है संत रामपाल जी महाराज के शिष्य..
जो सबसे ज्यादा सुखी हैं संत रामपाल जी महाराज के शिष्य किसी भी प्रकार का नशा नहीं करते , यह सब संत रामपाल जी महाराज के देवी शिक्षा से ही संभव है।
                            
Intoxication
Intoxication Free Society

आज आपको देश भर में ऐसे लाखों युवा मिल जाएंगे जो संत रामपाल जी महाराज का सत्संग सुनकर नशा त्याग चुके हैं और अब उन्हें नशे से नफरत है यह से नशे के लिए वह कभी कुछ भी करने को तैयार हो जाते थे संत रामपाल जी महाराज की शिक्षा से नशे का जड़ से खात्मा हो रहा  है.. 
 
                                  
नशा मुक्त भारत
नशा मुक्त समाज 

आज हमारे समाज को जरूरत है सत भक्ति की ओर अच्छी शिक्षा की जो केवल संत रामपाल जी महाराज के द्वारा ही मिल रही है अगर हम चाहते हैं कि हमारा समाज पूर्ण रूप से दहेज रहित नशा रहित और भ्रष्टाचार रहित बने तो संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर जनकल्याण करना चाहिए.. 
किसी भी संत महंत के शिष्य ऐसे नहीं होते जो नशा ना करते हैं मगर संत रामपाल जी महाराज के शिष्य पूर्ण रूप से नशा रहित हैं जिससे यह साबित होता कि समाज को आगे ले जाने में केवल संत रामपाल जी महाराज ही सहयोग कर सकते हैं अन्यथा नशे को छुड़ाना और इसका जड़ से खात्मा करना सपना सा है... 
इस सपने को केवल संत रामपाल जी महाराज ही पूरा कर सकते हैं. 

तो आइए आज आप भी जानिए आखिर ऐसी क्या बात संत रामपाल जी महाराज बताते हैं जिसे सुनकर लोग नशे से दूर हो जाते हैं।

सत भक्ति ही है।  
वही हमारे देश में आज ऐसे लाखों युवा हैं जो संत रामपाल जी महाराज के द्वारा लिखित पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा को पढ़कर भी नशा त्याग चुके हैं...  
आप भी एक बार अवश्य पढ़ें निशुल्क पुस्तक 
✯ज्ञान गंगा , या देखिए रोजाना ✯साधना टीवी 7:30 से सत्संग। 


Wednesday, July 1, 2020

Dowry System

  • Dowry System
                       दहेज प्रथा एक शैतान 
यूं तो हमारे समाज में बहुत सारी बुराइयां फैली हुई हैं मगर उनमें सबसे ज्यादा दुख देने वाला है दहेज। जहां शादी को एक पवित्र रिश्ता माना जाता है मगर इस पवित्र रिश्ते को ही जोड़ने के लिए दहेज प्रथा रूपी इस राक्षस को भी इसमें अहम भूमिका मिलती है , आज लोग बिना दहेज के किसी भी शादी को सफल नहीं मानते दहेज के भूखे भेड़ियों ने ना जाने कितनी बेटियां को जला दिया मगर फिर भी इसका अंत नहीं हो पाया है। 🌠🌠🌠🌠🌠
दहेज प्रथा आज हमारे समाज में बहुत ही प्रचलित प्रथा है  ,
यह हमारे समाज को बर्बाद करने वाला एक ऐसा राक्षस है जिसने आज तक ना जाने कितनी बेटियों का गला घोंट दिया है। यह चंद अमीर लोगों के द्वारा एक शगुन के तौर पर बहुत पहले दिया जाता था जिसके माता-पिता शाही घरानों के होते थे वह अपनी बेटियों को उपहार के तौर पर महंगी चीजें भेंट करते थे ,मगर अफसोस के लोगों ने उसे एक प्रथा का नाम दे दिया और फिर अब गरीब इंसान भी अपनी बेटी को पराई करने के लिए इस झंझट को मोल ले लेता है।
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दहेज मात्र दिखावा है उस पैसे से ना तो दहेज देने वाले की बेटी जीवन भर आराम से खा सकती है और ना ही उसका परिवार उस से चल सकता है।
सोचने वाली बात है जिस इंसान ने अपनी इतने दिनों से पाली हुई बेटी को पराया कर दिया फिर और क्या चाहिए।
दहेज रूपी राक्षस ने हमारे समाज को अंधा बना दिया है , जहां पैसे के भूखे लोगों को एक अच्छी बहू नहीं सिर्फ गए चाहिए होता है बिना यह सोचे समझे के आखिर एक लड़की का पिता कैसे-कैसे जोड़कर सब कुछ गिरवी रख कर एक बेटी पराई करता है।
इस दहेज प्रथा को बंद करना चाहिए ताकि हमारा समाज में आने वाले दिनों में किसी बेटी को यह डर ना देखना पड़े।
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इस दहेज प्रथा का इतना आतंक है कि आज जिस पिता की दो तीन बेटियां हैं उसे हमेशा अपनी बेटियां औलाद नहीं बोझ लगती है। 
सरकार कितनी ही कानूनी बनाती है मगर आज तक तेज प्रथा का अंत नहीं कर सकी कहीं ना कहीं छुप छुपा कर दहेज का खेल चलता रहता है। इसे बंद करने के लिए जरूरत है ज्ञान की जब तक लोग खुद नहीं चाहेंगे कि हम दहेज ना लें तब तक इसका अंत नहीं हो सकता। 
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जहां तक बात करें दहेज प्रथा को बंद करने की तो समाज में सबसे बड़ा योगदान आध्यात्मिकता का है।
आज अगर कहीं दहेज प्रथा मुक्त शादी देखने को मिलती है तो वह केवल संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में उनके शिष्यों के द्वारा की जाने वाली ही शादी एक ऐसी शादी है जिसमें बिना दहेज और बिना किसी तामझाम के बिल्कुल साधारण तरीके से शादी की जाती है। 
संत रामपाल जी महाराज की दी हुई शिक्षा के अनुसार उनके शिष्यों का कहना है कि हम ना दहेज लेंगे और ना देंगे और लड़के वाले खुद हाथ जोड़कर लड़की मांगने आते हैं।
संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों में जो शादियां होती हैं उनमें दहेज प्रथा का कहीं नामोनिशान तक नहीं है।
इससे लगता है कि आज अगर कहीं दहेज मुक्त समाज बनाने में अगर कोई सफल है तो वह केवल संत रामपाल जी महाराज है जिनके द्वारा दी हुई शिक्षा से उनके शिष्य दहेज रहित शादी करके समाज में मिसाल पेश कर रहे हैं। 
dowry free india
dowry free india
संत रामपाल जी महाराज के द्वारा किए जानेे वाल बहुत सारे समाज सुधारक कार्य हैं मगर सबसेे बड़ा योगदान संत रामपाल जी महाराज ने दहेज मुक्त भारत को लेकर जो मुहिम छेड़ा है उसका है. यही नहीं संत रामपाल
जी महाराज के शिष्य ना ही रिश्वत लेते हैं और ना
ही देेते हैं।सबसे बड़े समाज
सुधारक संत रामपाल जी महाराज हैं।
अगर आप भी चाहते हैं कि हमारा समाज बुराइयों से दूर रहे और स्वच्छ बने  तो आज ही संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर अपना और अपने परिवार का जीवन सफ़ल बनाएं। अगर आप भी चाहते हैं कि 
 आपके भी बच्चे बुराई से दूर होकर विकार रहित जीवन जिए तो आप भी अपने बच्चों को पूर्ण संत रामपाल जी महाराज से जोड़ दें , आज एकमात्र समाज सुधारक
 संत रामपाल जी महाराज है जो समाज को
 हर बुराई से मुक्तत कर रहे हैं।

अधिक जानकारी के लिए कृपयाा अवश्य देखिए संत रामपाल जी महाराज के सत्संग साधना TV पर रोजाना श्याम 7:30 बजे से। 

Disease Free World

Disease Free World  आइए आज जानते हैं कि रोगों का सरल तरीके से कैसे निपटारा करें.... जैसा कि हम सभी जानते हैं उनके आज दुनिया भर में माहौल बहु...