- Dowry System
दहेज प्रथा एक शैतान
यूं तो हमारे समाज में बहुत सारी बुराइयां फैली हुई हैं मगर उनमें सबसे ज्यादा दुख देने वाला है दहेज। जहां शादी को एक पवित्र रिश्ता माना जाता है मगर इस पवित्र रिश्ते को ही जोड़ने के लिए दहेज प्रथा रूपी इस राक्षस को भी इसमें अहम भूमिका मिलती है , आज लोग बिना दहेज के किसी भी शादी को सफल नहीं मानते दहेज के भूखे भेड़ियों ने ना जाने कितनी बेटियां को जला दिया मगर फिर भी इसका अंत नहीं हो पाया है। 🌠🌠🌠🌠🌠
दहेज प्रथा आज हमारे समाज में बहुत ही प्रचलित प्रथा है ,
यह हमारे समाज को बर्बाद करने वाला एक ऐसा राक्षस है जिसने आज तक ना जाने कितनी बेटियों का गला घोंट दिया है। यह चंद अमीर लोगों के द्वारा एक शगुन के तौर पर बहुत पहले दिया जाता था जिसके माता-पिता शाही घरानों के होते थे वह अपनी बेटियों को उपहार के तौर पर महंगी चीजें भेंट करते थे ,मगर अफसोस के लोगों ने उसे एक प्रथा का नाम दे दिया और फिर अब गरीब इंसान भी अपनी बेटी को पराई करने के लिए इस झंझट को मोल ले लेता है।
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दहेज मात्र दिखावा है उस पैसे से ना तो दहेज देने वाले की बेटी जीवन भर आराम से खा सकती है और ना ही उसका परिवार उस से चल सकता है।
सोचने वाली बात है जिस इंसान ने अपनी इतने दिनों से पाली हुई बेटी को पराया कर दिया फिर और क्या चाहिए।
दहेज रूपी राक्षस ने हमारे समाज को अंधा बना दिया है , जहां पैसे के भूखे लोगों को एक अच्छी बहू नहीं सिर्फ गए चाहिए होता है बिना यह सोचे समझे के आखिर एक लड़की का पिता कैसे-कैसे जोड़कर सब कुछ गिरवी रख कर एक बेटी पराई करता है।
इस दहेज प्रथा को बंद करना चाहिए ताकि हमारा समाज में आने वाले दिनों में किसी बेटी को यह डर ना देखना पड़े।
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इस दहेज प्रथा का इतना आतंक है कि आज जिस पिता की दो तीन बेटियां हैं उसे हमेशा अपनी बेटियां औलाद नहीं बोझ लगती है।
सरकार कितनी ही कानूनी बनाती है मगर आज तक तेज प्रथा का अंत नहीं कर सकी कहीं ना कहीं छुप छुपा कर दहेज का खेल चलता रहता है। इसे बंद करने के लिए जरूरत है ज्ञान की जब तक लोग खुद नहीं चाहेंगे कि हम दहेज ना लें तब तक इसका अंत नहीं हो सकता।
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जहां तक बात करें दहेज प्रथा को बंद करने की तो समाज में सबसे बड़ा योगदान आध्यात्मिकता का है।
आज अगर कहीं दहेज प्रथा मुक्त शादी देखने को मिलती है तो वह केवल संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में उनके शिष्यों के द्वारा की जाने वाली ही शादी एक ऐसी शादी है जिसमें बिना दहेज और बिना किसी तामझाम के बिल्कुल साधारण तरीके से शादी की जाती है।
संत रामपाल जी महाराज की दी हुई शिक्षा के अनुसार उनके शिष्यों का कहना है कि हम ना दहेज लेंगे और ना देंगे और लड़के वाले खुद हाथ जोड़कर लड़की मांगने आते हैं।
संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों में जो शादियां होती हैं उनमें दहेज प्रथा का कहीं नामोनिशान तक नहीं है।
इससे लगता है कि आज अगर कहीं दहेज मुक्त समाज बनाने में अगर कोई सफल है तो वह केवल संत रामपाल जी महाराज है जिनके द्वारा दी हुई शिक्षा से उनके शिष्य दहेज रहित शादी करके समाज में मिसाल पेश कर रहे हैं।
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dowry free india संत रामपाल जी महाराज के द्वारा किए जानेे वाल बहुत सारे समाज सुधारक कार्य हैं मगर सबसेे बड़ा योगदान संत रामपाल जी महाराज ने दहेज मुक्त भारत को लेकर जो मुहिम छेड़ा है उसका है. यही नहीं संत रामपाल जी महाराज के शिष्य ना ही रिश्वत लेते हैं और ना ही देेते हैं।सबसे बड़े समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज हैं। अगर आप भी चाहते हैं कि हमारा समाज बुराइयों से दूर रहे और स्वच्छ बने तो आज ही संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर अपना और अपने परिवार का जीवन सफ़ल बनाएं। अगर आप भी चाहते हैं कि आपके भी बच्चे बुराई से दूर होकर विकार रहित जीवन जिए तो आप भी अपने बच्चों को पूर्ण संत रामपाल जी महाराज से जोड़ दें , आज एकमात्र समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज है जो समाज को हर बुराई से मुक्तत कर रहे हैं। अधिक जानकारी के लिए कृपयाा अवश्य देखिए संत रामपाल जी महाराज के सत्संग साधना TV पर रोजाना श्याम 7:30 बजे से। |
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