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  • Lord Krishna
भगवान श्री कृष्ण जी के माता देवकी और पिता वासुदेव जी थे। उनका जन्म यादव कूल में हुआ था। 
और जन्म स्थल कारावास रहा था। 
श्री कृष्ण जी के मामा जी ने जब यह सुना 
कि उनकी मृत्यु उन्हीं के ही बहन के पुत्र के हाथों लिखी है तो उन्होंने श्री कृष्ण जी के जन्म से पहले ही उनके माता-पिता को कारागृह में डाल दिया फिर उनके होने वाले सभी बच्चों को एक-एक करके उनके मामा कंस मारते रहे।
मगर अपनी लीला के अनुसार श्री कृष्ण जी का जन्म हुआ और उन्होंने कंस के भेजे हुए सभी दूतों को मारकर कंस को हराया और फिर कंस का भी नाश किया।
क्या वास्तव में श्री कृष्ण जी पूर्ण परमात्मा हैं 
मगर क्या आप जानते हैं क्या सच में सिर्फ इन्हीं बातों को लेकर हम श्री कृष्ण जी को भगवान मान सकते हैं! 
अगर सिर्फ मारने से कोई भगवान साबित होता है तो मारने वाला हर इंसान ईश्वर की गद्दी पर ही बैठ जाएगा। 
इस प्रकार उसे सर्वशक्तिमान ईश्वर नहीं मान सकते। 

मोरध्वज के बेटे ताम्रध्वज को श्री कृष्ण जी के द्वारा को जीवित करना 
श्री कृष्ण जी ने मोरध्वज के बेटे ताम्रध्वज को आरे से चिरवा कर उसे जीवित कर दिया था।
सच्चाई तो यह है कि जब तक किसी इंसान की ताउम्र खत्म नहीं हो जाती तब तक उसे कोई जादूगर भी मार कर पुनः जीवित कर सकता है। 
यह आम सिद्धि युक्त संत भी कर सकते हैं।
जिसकी सांसे खत्म हो जाती हैं उन को जीवित करना किसी के बस की बात नहीं यह केवल पूर्ण परमात्मा ही कर सकते हैं। 
उदाहरण के लिए 
हम जानते हैं कि श्री कृष्ण जी ने अपने भांजे अभिमन्यु को जीवित नहीं किया।
असल में उसकी उम्र खत्म हो चुकी थी इसलिए श्री कृष्ण जी चाह कर भी उसे जीवित नहीं कर सकते थे क्योंकि यह शक्ति उनके हाथ में नहीं है। 
वास्तव में वह पूर्ण शक्ति तो कोई और है जो हमारी उम्र भी बढ़ा सकता है श्री कृष्ण जी श्री विष्णु जी के अवतार हैं और ब्रह्मा विष्णु और शिव जी स्वयं जन्म मृत्यु में आते हैं। 
देवी महापुराण के तीसरे स्कन्द में 562 पृष्ठ पर भगवान शंकर जी स्वयं स्वीकारते हैं कि हम तीनों देवताओं की जन्म और मृत्यु होती हैं हम अविनाशी नहीं हैं।
इससे सिद्ध होता है कि तीनों देवताओं की भक्ति करने से मुक्ति नहीं हो सकती क्योंकि यह स्वयं नाशवान है।
वास्तव में पूर्ण परमात्मा कौन है 
वास्तव में पूर्ण परमात्मा तो कोई और है जो हमारे जन्म मृत्यु के रोगों का नाश कर सकते हैं और हमें सुखी बना सकते हैं।
आज से 600 वर्ष पूर्व काशी में लहरतारा नाम के तालाब के ऊपर कमल के फूल पर शिशु रूप में प्रकट हुए स्वयंभू परमात्मा कबीर साहिब जी वह पूर्ण परमात्मा है जो सभी आत्माओं के जनक हैं वास्तव में हम उसी परमात्मा के अंश हैं। कबीर साहिब जी ने किसी माता से जन्म नहीं लिया और ना ही उनका शरीर पांच तत्व का बना था।वह स्वयं आए थे और अपने शरीर के साथ ही अपने निजधाम सतलोक चले गए।वास्तव में उससे कबीर साहिब जी की भक्ति करने से ही हमें लाभ मिलेंगे जो हमें इन तीनों देवताओं से नहीं मिल सकते।
पूर्ण परमात्मा हमारे कष्टों को दूर कर सकते हैं।

पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब जी के आशीर्वाद से सिकंदर लोधी राजा के जलन का रोग समाप्त हुआ था फिर उन्होंने भी कबीर साहिब जी को परमात्मा माना।
सिकंदर लोदी के पीर शेख तकी के कहने पर एक मृत लड़के को जीवित किया जिसका नाम कमाल रखा गया था और शेख तकी की एक लड़की जो मर चुकी थी कब्र में दबा रखी थी कबीर साहिब जी ने अपने आशीर्वाद से उसे भी जीवित किया और उसका नाम कमाली रखा।
कबीर साहेब जी को मारने के अनेकों प्रयत्न किए गए मगर वह समरथ परमात्मा थे यह मारने में कोई समर्थ नहीं है।
इसलिए वास्तव में पूर्व परमात्मा तो कबीर साहिब जी हैं जो कुछ भी करने में समर्थ हैं।
वास्तव में कबीर साहेब जी की भक्ति करने से ही लाभ मिलेंगे वर्तमान में पूर्ण संत सतगुरु रामपाल जी महाराज एकमात्र ऐसे संत हैं जिनके पास पूर्ण परमात्मा की भक्ति विधि है जिससे हमें लाभ मिलेंगे और उनके भक्तों को वर्तमान में अद्भुत लाभ मिल रहे हैं जिससे यह प्रमाणित होता है कि उनका ज्ञान शास्त्रों के अनुसार है और पूर्ण परमात्मा की भक्ति भी केवल उनके ही पास हैं।
अधिक जानकारी के लिए कृपया अवश्य देखिए साधना टीवी शाम 7:30 से या पड़ी बिल्कुल 
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