Sunday, May 31, 2020

#52_Cruelities_On_GodKabir

        #52_Cruelities_ On_GodKabir 
          “5 June Lord Kabir Revealed Day"
                   “5 जून परमेश्वर प्रगट दिवस"

Friday, May 29, 2020

चारोंयुग_में_आए_कबीरपरमेश्वर

चारोंयुग_में_आए_कबीरपरमेश्वरजी

पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) वेदों के ज्ञान से भी पूर्व सतलोक में विद्यमान थे तथा अपना वास्तविक ज्ञान (तत्वज्ञान) देने के लिए चारों युगों में भी स्वयं प्रकट हुए हैं। 
5 June कबीर प्रकट दिवस

Wednesday, May 20, 2020

Regeneration of Human

Regeneration of Human
मानव का उत्थान

🙋आज कुछ  विचार करते हैं मानव के उत्थान पर। 
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि आज का मानव अपने विकास में इतनी तेजी से बढ़ रहा है क्या अच्छे से अच्छा करके और विश्व भर में विकासशील दिखने के लिए सबने होड़ लगा रखी।

आज का मानव अपने विकास के लिए जिस रास्ते को अपना रहा है उसमें से उसके पतन की कड़ियां में 
शामिल है।

बात करते हैं शिक्षा की शिक्षा ने मनुष्य को बहुत कुछ दिया है उसे समझने के योग्य बनाया है , उन चीजों का ज्ञान कराया है जिसे वह अशिक्षित होकर बिल्कुल नहीं समझ सकता था। 

मानव आगे से आगे बढ़ता जा रहा है इसके लिए उसने अपनी सुख-सुविधा और अपनी सुरक्षा के लिए बहुत से अविष्कार किए हैं।
हमारे पास सुख सुविधा तो है मगर फिर अपने  मानव के विनाश की विस्फोटक वस्तुएं बनाना , फिर अलग-अलग धर्म के साथ अलग-अलग समुदाय बनाकर आपस में लड़ना झगड़ना एक दूसरे से ज्यादा शक्तिशाली होने का प्रमाण देना यह साबित करता है कि हम पतन की और भी तेजी से बढ़ रहे हैं। 

इसके लिए हमें अपने अक्षर ज्ञान (शिक्षा) के साथ-साथ मानव जीवन के मूल उद्देश्य को समझने किए हमें आध्यात्मिक शिक्षा भी ग्रहण करनी होगी। 

जब हम रहस्यों को उजागर कर ही रहे हैं तो क्यों ना एक बार सभी धर्म पवित्र धार्मिक पुस्तकों का भी अध्ययन कर लें , जिससे उनमें छुपे रहस्य भी सामने आयेंगे। 
मगर इसके समझने के लिए भी आध्यात्मिक गुरु 
होना आवश्यक है। 
यह बहुत जरूरी है जितनी शिक्षा की हमें जरूरत है उतनी ही अच्छे संस्कार और आध्यात्मिक गुरु की 
आवश्यकता है।

आज धरती पर इतने सारे धर्म गुरु और साइंटिस्ट हैं , मगर एक महामारी के सामने सबने घुटने टेक दिए हैं , मगर इस सब के बीच में अब भी अगर किसी ने हार नहीं मानी है तो वो है , 💫 संत रामपाल जी महाराज और उनके शिष्य। 

इसलिए ये साबित होता है कि वर्तमान में पूर्ण गुरु केवल संत रामपाल जी महाराज हैं , जो कुछ भी करने में समरथ हैं। 

इसलिए आज के मानव को शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक सुख के लिए आध्यामिक की और बढ़ना चाहिए। 
अधिक जानकारी के लिए कृपया अवश्य पढ़ें अदभुत पुस्तक 👇👇


अवश्य जानिए 👇

इस पुस्तक को पढ़ने से आपको मानव के मूल उद्देश्य का ज्ञान होगा और जीने की सही दिशा मिलेगी। 
आज ही अभी अवश्य पढ़ें इस अनमोल पुस्तक को।

Thursday, May 14, 2020

Impact of Bad Education

Impact of Bad Education

ख़राब शिक्षा का प्रभाव 

“शिक्षा" जिसे  मानव का तीसरा नेत्र भी कहा जाता है। शिक्षा का अर्थ है ज्ञान प्राप्त करना अध्ययन करना और सीखना। 
हमारी प्राचीन शिक्षा पद्धति हमें प्रकृति और सभी प्राणियों से संपर्क बनाए रखने मेंं सहायता करती थी।
हम अपने संस्कार, नीतियों को  महत्व देते थे। 
मानव प्रकृति के बहुत करीब था।
मगर कहीं ना कहीं आज हमारे समाज में शिक्षा का अर्थ  बदलता जा रहा है।

मगर आज हमारे लिए  शिक्षा जीविका कमाने का साधन मात्र बनकर रह गई है। हमारे संस्कार, नीतियाँ और परंपराएँ बहुत पीछे छूट गए हैं। आधुनिक शिक्षा प्रणाली यथार्थ और व्यवहारिक ज्ञान से बहुत दूर है।
यह सिर्फ आधुनिकता के बात करते हैं और संस्कृति भावनाओं और अध्यात्म से कोसों दूर है।

यह आधुनिकता अपने विकास और प्रगति के नाम पर प्रकृति व हर उस चीज़ का शोषण करती है , जो उसके मार्ग पर बाधा है या जिसके विनाश से उसे कुछ हासिल हो सकता है।
इसका उद्देश्य केवल मानव को रोजी-रोटी दिलाना है इसका मानवता और मानवीय संवेदना से कोई संबंध नहीं है।ऐसी शिक्षा से युक्त व्यक्ति उच्चमहत्वकांक्षाओं का गुलाम होता है। उसे हर व्यक्ति अपने से छोटा ही दिखाई देता है।
ऐसी शिक्षा से वह अपने बड़े बड़े महल खड़े कर सकता है धन का अंबार लगा सकता है , मगर वह मानवीय संवेदना कहां से लाए जो प्राचीन शिक्षा का आधार हुआ करती थी!
आधुनिक शिक्षा प्रणाली के स्वयं भी बहुत से लाभ हैं।
आज मानव के पास हर प्रकार की सुख सुविधाएं हैं और उसने रोगों पर भी कई प्रकार से विजय पाई है ,
मगर कहीं ना कहीं वह अपने आप को खो चुका है।
इस आधुनिकता ने मानव से उसकी मानवता छीन ली है।
उसके संस्कार , उसकी परम्पराओं को दबा दिया है।
छोटे छोटे बच्चे अपराधों का शिकार बन रहे हैं क्युकी उन्हे कोई इंसानियत की शिक्षा नहीं देता ,
उन्हे सिर्फ आधुनिकता में जीने और धनोपार्जन की
शिक्षा दी जाती है।

इसे बचाने का एकमात्र साधन है कि शिक्षा के साथ-साथ आध्यात्मिक किताबें भी जोड़ दी जाएं ,
जिससे आने वाला कल एक स्वच्छ मानव और चरित्रवान बच्चों का समाज तैयार हो सके।
वर्तमान में इसकी सबसे अच्छी पहल संत रामपाल जी शिष्यों द्वारा की जा रही है जिनके घर के छोटे बच्चे भी आध्यात्मिक पुस्तकों को पढ़ते हैं। कुरीतियों से बहुत दूर और आध्यात्मिकता की ओर बढ़कर मानवता को कायम कर रहे हैं। इससे एक बहुत ही अच्छे समाज का निर्माण हो रहा है।
आज जानिए उस अद्भुत पुस्तक के बारे में जो आज लाखों लोगो का जीवन बदल चुकी हैं , उन्हें एक जीने की नई दिशा प्रदान की है , जिस से एक शैतान जैसा इंसान भी सुधारकर एक नेक इंसान बन जाता है।
इस पुस्तक को हम सभी को पढ़ना चाहिए जिस से हमें अपने मानव जीवन के मूल उद्देश्य का पत लगे।
उस पुस्तक को  सभी स्कूलों और कॉलेज में भी ये पुस्तके  अनिवार्य  कर देनी चाहिए जिस से एक सच्चे और अच्छे समाज का निर्माण हो सके।
आप भी अवश्य पढ़ें पवित्र पुस्तक को
👇👇

ज्ञान गंगा


अगर ऐसे ही हर स्कूल कॉलेज में आध्यात्मिक पुस्तकें अनिवार्य कर दी जाए तो ना केवल मानवता की रक्षा होगी बल्कि प्रकृति और हमारी संस्कृति सब फिर से जीवित होने लग जाएंगे
और एक बेहतर समाज का निर्माण होगा। 

Tuesday, May 12, 2020

कौन है एक पूर्ण परमात्मा

Who is Complete God .?
कौन है वो एक पूर्ण परमात्मा.?
आइए, आज जानते हैं कि आखिर वह एक पूर्ण परमात्मा कौन है जिसके बारे में सभी धर्म कहते हैं ईश्वर एक है!!
अगर इस बात को सच मानें तो , इतने सारे 
करोड़ों देवी देवता कहां से आ आ गए और सभी धर्मों में अलग अलग तरीके से  पूजा क्यों की जाती है 🤔🤔
क्या सच में ईश्वर बहुत सारे हैं या एक ही है..?
प्रमाण के लिए हम सभी धर्मों के पवित्र शास्त्रों के आधार पर खोज करें तो एक ही बात सामने आती है कि परमात्मा एक है और उसका नाम कबीर है। 
1.पवित्र ऋग्वेद में प्रमाण 👇👇
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17
शिशुम् जज्ञानम् हर्य तम् मृजन्ति शुम्भन्ति वहिन मरूतः गणेन।
कविर्गीर्भि काव्येना कविर् सन्त् सोमः पवित्रम् अत्येति रेभन्।।
 भावार्थ....मन्त्र 17 में उस परमात्मा का नाम व परिपूर्ण परिचय दिया है। वेद बोलने वाला ब्रह्म कह रहा है कि पूर्ण परमात्मा मनुष्य के बच्चे के रूप में प्रकट होकर कविर्देव अपने वास्तविक ज्ञानको अपनी कबीर बाणी के द्वारा अपने हंसात्माओं अर्थात् पुण्यात्मा अनुयाईयों को ऋषि, सन्त व कवि रूप में कविताओं, लोकोक्तियों के द्वारा सम्बोधन करके अर्थात् उच्चारण करके वर्णन करता है। इस तत्वज्ञान के अभाव से उस समय प्रकट परमात्मा को न पहचान कर केवल ऋषि व संत या कवि मान लेते हैं वह परमात्मा स्वयं भी कहता है कि मैं पूर्ण ब्रह्म हूँ सर्व सृष्टी की रचना भी मैं ही करता हूँ। मैं ऊपर सतलोक (सच्चखण्ड) में रहता हूँ। परन्तु लोक वेद के आधार से परमात्मा को निराकार माने हुए प्रजाजन नहीं पहचानते

इसलिए प्रमाणित है कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी हैं। 
2.पवित्र बाइबल के अनुसार 👇
अय्यूब 36:5 ऑर्थो Orthodox यहूदी बाइबल 
परमेश्वर कबीर (शक्तिशाली) है, किन्तु वह लोगों से घृणा नहीं करता है।परमेश्वर कबीर (सामर्थी) है और विवेकपूर्ण है। बाइबल ने भी स्पष्ट किया है की प्रभु का नाम कबीर है।
                     God Kabir In Bible
3. श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पृष्ठठ नं 24 महला 1
में प्रमाण
फाई सूरत मलूकी वेश , ओह ठगवाड़ा ठगी देश" 
“खरा स्याना बहुता भार , यो धानक रूप रहा करतार।"
जब कबीर परमात्मा 600 वर्ष पहले आए थे तो वह नानक देव जी को भी मिले थे तब उन्होंने यह वाणी बोली थी , इससे स्पष्ट है कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी हैं।
आज से 600 वर्ष पहले कबीर साहिब ने काशी में लहर तारा नाम के तालाब में कमल के फूल पर शिशु रूप में प्रकट हुए , निसंतान जुलाहा दंपत्ति को मिले और लीला की , अपने शिष्यों को अनेकों अद्भुत लाभ दिए मगर ज्ञान हीन संतो ने उनका विरोध किया और जुलाहा जाति में होने की वजह से उनकी बातों को ऊपर नहीं आने दिया।
इसलिए वेदों के अनुसार पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी ही हैं क्योंकि उन्होंने ही वेदों में लिखे अनुसार परमात्मा के जैसी लीला की वह किसी मां के गर्भ से जन्म नहीं लेते बाकी सभी देवी देवता जैसे राम कृष्ण हुए हैं सभी माता के गर्भ से जन्म लेते हैं।
वर्तमान में दुनिया भर के किसी भी संत महंत ने यह नहीं बताया कि पूर्ण परमात्मा कौन है मगर संत रामपाल जी महाराज ने सभी शास्त्रों के अनुसार ज्ञान बता कर साबित कर दिया कि पूर्ण परमात्मा एक है उसका नाम कबीर है। और उसी की भक्ति करने से लाभ होते हैं।
संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर आज लाखों लोग परमात्मा से होने वाले लाभ प्राप्त कर रहे हैं। 
इसलिए सद्भक्ति से मुक्ति और लाभ केवल संत रामपाल जी महाराज दिला सकते हैं और कोई नहीं।
अगर आपको भी परमात्मा से मिलने वाले लाभ चाहिए तो संत रामपाल जी महाराज जी के द्वारा बताई गई भक्ति करनी पड़ेगी अन्यथा कोई लाभ किसी भी धर्मगुरु से नहीं मिलने वाला। 
अधिक जानकारी के लिए कृपया अवश्य सोनिया संत रामपाल जी महाराज के सत्संग श्रद्धा टीवी पर दोपहर 2:00 से।
यहां पड़े बिल्कुल निशुल्क पुस्तक ज्ञान गंगा। 
यह पुस्तक निशुल्क मंगवाने के लिए कमेंट बॉक्स में अपना Email और Mobile Number हमें बताएं और पाइए बिल्कुल निशुल्क पुस्तक।

Friday, May 8, 2020

मसीहा , जिसका सब कर रहे हैं इंतज़ार।


क्याआप जानते हैं 🤔🤔???
कौन होगा वो दुनिया का उद्धार करने वाला महान धार्मिक नेता ,विश्व प्रसिद्ध महान भविष्यवक्ता श्री नास्त्रेदमस ने भी उस महान संत के बारे में बहुत सी भविष्यवाणियां की हैं........ 
श्री नास्त्रेदमस जी की भविष्यवाणी के अनुसार , 
अपनी भविष्यवाणी के शतक पांच के अंत में तथा शतक छः के प्रारम्भ में नास्त्रोदमस जी ने लिखा है कि आज अर्थात् इ.स. (सन्) 1555 से ठीक 450 वर्ष पश्चात् अर्थात् सन् 2006 में एक हिन्दू संत (शायरन) प्रकट होगा अर्थात् सर्व जगत में उसकी चर्चा होगी। उस समय उस हिन्दू धार्मिक संत (शायरन) की आयु 50 व 60 वर्ष के बीच होगी। यह घटना विश्व भर में केवल संत रामपाल जी महाराज

Wednesday, May 6, 2020

जीने की राह , ईश्वर के संविधान के अनुसार


                     Constitution of God
                   जानिए क्या है ईश्वर का संविधान ,
                          जिसे हम भूल चुके हैं
आइए आज जानते हैं आखिर कैसा है ईश्वर का संविधान!!
आज का मानव समाज ईश्वर को भूल चुका है और उसके बनाए कानून को भी। 

Way of Living


                          Way of Living














True Spiritual Knowledge

www.jagatgururampalj



True Spiritual Knowledge

पवित्र श्रीमद भगवत गीता जी के अध्याय 15 के श्लोक नंबर एक में भी प्रमाण है कि जो संत संसार रूपी उल्टे लटके हुए वृक्ष की जड़ से लेकर पत्ते सहित उसकी पूर्ण रूप से व्याख्या करेगा वह तत्वज्ञान को समझने वाला तत्वदर्शी संत होगा।वर्तमान में केवल संत रामपाल जी महाराज ने हमें बताया है कि उल्टा लटका हुआ संसार रूपी वृक्ष के जड़ से लेकर पत्ते तक कौन-कौन कहां-कहां रहता है अर्थात किस की कैसी स्थिति है संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि जड़ तो पूर्ण परमात्मा है जो कबीर साहेब जी हैं पेड़ अक्षर पुरुष है और क्षर पुरुष उसकी डार है और तीनों देवता शाखा है और पत्ते रूप में हम सभी मानव रहते हैं ।
वर्तमान में यह ज्ञान केवल संत रामपाल जी महाराज ने ही बताया है इसलिए वही पूर्ण संत है जिनके द्वारा बताई गई भक्ति से ही उनके भक्तों को लाभ मिल रहे हैं अधिक जानकारी के लिए प्रमाण सहित जानने के लिए अवश्य देखिए साधना टीवी शाम 7:30 से।

Disease Free World

Disease Free World  आइए आज जानते हैं कि रोगों का सरल तरीके से कैसे निपटारा करें.... जैसा कि हम सभी जानते हैं उनके आज दुनिया भर में माहौल बहु...